चार वेद छह शास्त्र 18 पुराण के नाम 4 VED 6 SHASTRA 18 PURAN KE NAAM – हिन्दू धर्म के धार्मिक पुस्तकें की एक लिस्ट भी कह सकते है
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हिन्दू धर्म के धार्मिक पुस्तकें
4 वेद 4 उपवेद 6 शास्त्र 18 पुराण 108 उपनिषद 2 महाकाव्य और एक भगवद् वाणी का संकलन श्रीमद भगवद् गीता..!!!
चार वेद छह शास्त्र 18 पुराण के नाम
चार वेद छह शास्त्र 18 पुराण के नाम 4 Ved 6 Shastra 18 Puran PDF : हिन्दू धर्म की धार्मिक पुस्तक पीडीऍफ़ डाउनलोड करने के लिए पीडीऍफ़ बुक हिंदी डॉट कॉम पर विजिट करें
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चार वेद छह शास्त्र के नाम
वेद कितने हैं उनके नाम की बात की जाएँ तो “वेद की संख्या चार” है इसलिए वेद को “वेद-चतुष्टयी” के नाम से भी जाना जाता है चार वेद के नाम व् उनके प्रकार निम्नलिखित है – ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद
उपवेद कौन-कौन से हैं?
उपवेद : जो चार वेद के नाम आपने पढ़ा है उनके चार उपवेद है जिनके नाम निम्नलिखित है – स्थापत्य या शिल्पवेद, धनुर्वेद, गंधर्ववेद, आयुर्वेद
4 VED 6 SHASTRA 18 PURAN KE NAAM
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हिंदू धर्म के छह शास्त्रों के नाम
हिन्दू धर्म में कुल छह शास्त्र है जिन्हें षडदर्शन यानी छह दर्शन के भी पुकारा जाता है – हिंदू धर्म के छह शास्त्रों के नाम निम्नलिखित है – न्याय शास्त्र, वैशेषिक शास्त्र, सांख्य शास्त्र, योग शास्त्र, मीमांसा शास्त्र, वेदांत शास्त्र
18 पुराण के नाम क्या है
ब्रह्म पुराण, पद्म पुराण, विष्णु पुराण, वायु पुराण, भागवत पुराण, नारद पुराण, मार्कंडेय पुराण, अग्नि पुराण, भविष्य पुराण, ब्रह्म वैवर्त पुराण, लिंग पुराण, वराह पुराण, स्कन्द पुराण, वामन पुराण, कूर्म पुराण, मत्स्य पुराण, गरुड़ पुराण, ब्रह्माण्ड पुराण
उपनिषद ग्रंथ कितने हैं
51 उपनिषद् यजुर्वेद से हैं, 16 उपनिषद् सामवेद से हैं। 31 उपनिषद् अथर्ववेद से हैं। 10 उपनिषद् ऋग्वेद से हैं।
महाकाव्य कितने है?
रामायण, महाभारत दो महाकाव्य है और भगवद् वाणी का संकलन श्रीमद भगवद् गीता..!!! है जो निम्न है –
रामायण: भगवान विष्णु के 8वे अवतार श्रीराम का जीवन चरित्र और दर्शन। जो की वाल्मिकी द्वारा रचित हैं।
महाभारत: इतिहास की वह गाथा, जिसमे अभी तक धर्म की अधर्म पर सबसे बडी विजय का गौरव मयी वर्णन हैं। जो की वेद व्यास द्वारा रचित हैं।
श्रीमद भगवद् गीता: भगवान विष्णु के 9 वे अवतार श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया वह तत्व ज्ञान, जो हर धर्म का सार हैं।
सकी धूल ही मेरे मस्तक का तिलक हैं। सबका एक सार आत्मा अजर अमर हैं।
ईश्वर एक हैं, जो विभिन्न शक्तियों मे विभाजित हैं, और जीवन का एक मात्र सार मोक्ष हैं।
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