TITANIC JAHAJ HISTORY – टाइटैनिक जहाज का इतिहास के बारें में यहाँ जाने – Titanic Story in Hindi: टाइटैनिक जहाज का इतिहास बहुत ही पुराना है। अपने दौर में दुनिया के सबसे बड़े जहाज के नाम से टाइटैनिक जहाज को जाना जाता है। टाइटैनिक जहाज के डूबने पर एक मूवी भी बनी है। जिसमे जैक और रोज की प्रेम कहानी को दिखाया गया है।
TITANIC JAHAJ HISTORY – टाइटैनिक जहाज का इतिहास
यहा पढ़े टाइटैनिक जहाज का इतिहास TITANIC JAHAJ HISTORY टाइटैनिक जहाज के डिजाइनर और बनाने वाले का नाम थॉमस एंड्रूज था। यह जहाज 1998 में बनाया गया था। इस जहाज पर आधारित मूवी लियोनार्डो डि कैप्रियो और केट विंसलेट अभिनीत ने बनाया है
यह जहाज यात्रा 10 अप्रैल 1912 में साउथहैम्पटन (इंग्लैंड) में किया जहाज बनाने वाले का नाम थॉमस एंड्रूज है इस जहाज में लगभग 1,517 लोगों की मृत्यु हुई इस टाइटैनिक जहाज की कुल लम्बाई 882 फीट और 9 इंच, 269.1 मीटर थी इसके ढालों की चौड़ाई 92 फीट (28.0 मीटर)
इतिहास से पता चलता है टाइटैनिक जहाज दुनिया का सबसे बड़ा वाष्प आधारित यात्री जहाज था। वह साउथम्पटन (इंग्लैंड) से अपनी पहली यात्रा 10 अप्रैल 1912 को भरी। चार दिन की यात्रा के बाद, 14 अप्रैल 1912 को वह एक हिमशीला से टकरा कर डूब गया। जिसमे 1,517 लोगों की मृत्यु हुईं। जो इतिहास की सबसे बड़ी शांतिकाल समुद्री आपदाओं में से एक है।
TITANIC SHIP HISTORY IN HINDI
READ HERE TITANIC SHIP HISTORY IN HINDI – कहा जाता है टाइटैनिक जहाज डूबने से ठीक पहले एक जापानी यात्री बच निकला था जब वह जापान ठीक-ठाक पहुंच गया तो वह बहुत शर्मिंदा हुआ था उसने भावुक मन से कहा कि उसे भी जहाज के साथ डूब जाना चाहिए था टाइटैनिक जहाज पर बनी फिल्म का सबसे भावुक पल तब था जब जहाज में बैंड के सदस्य यात्रियों को शांत करने के लिए लगातार संगीत बजा रहे थे
ऐसा वास्तव में भी हुआ था जहाज में सवार बैंड ग्रुप ने लोगों को डूबने के डर से शांत करने के लिए घंटों तक संगीत बजाया था. कहा जाता है टाइटैनिक जहाज में चार चिमनियाँ थी, लेकिन इसकी चौथी चिमनी काम नहीं करती थी चौथी चिमनी सिर्फ दिखावे के लिए बनाई गई थी
आधे से ज्यादा जीवनरक्षक किश्तिओं को उनकी पूरी क्षमता तक नहीं भरा गया था बर्फ की चट्टान दिखने और जहाज के उससे टकराने के बीच सिर्फ तीस सेकंड का फासला था जहाज को डूबने मे 2 घंटे और 40 मिनट का समय लगा था जहाज की लम्बाई 291.5 मीटर थी जो उस दौर की सबसे बड़ा जहाज था इसमे एक दिन मे करीब 825 टन कोयला इस्तेमाल होता था और 100 टन राख हर रोज़ निकलता था कहा जाता है टाइटेनिक जहाज को बनाने मे करीब 7500000$ का खर्च हुआ था
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