BUDHIYA MATA MANDIR GORAKHPUR बुढ़िया माता मंदिर गोरखपुर के अनोखे चमत्कार बुढ़िया माई की कहानी – उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर शहर में बुढिया माई या माता का मंदिर स्थित है इस मंदिर की बहुत सी विशेषताए है आइये जाने बुढ़िया माता मंदिर की कहानी स्थान फोटो इत्यादि की जानकारी
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में बुढ़िया माई या बुढिया माता का मंदिर स्थित है गोरखपुर रेलवे स्टेशन से लगभग दस किमी. दूर पूर्व दिशा में गोरखपुर-कसया मार्ग पर कुसम्ही जंगल के भीतर बुढ़िया माता का मंदिर या स्थान है
बुढ़िया माता मंदिर गोरखपुर
दो पहिया वाहन से बहुत ही आसानी से बुढ़िया माता मंदिर गोरखपुर पहुँच सकते है बुढिया माता का मंदिर अधिकतर लोग पैदल जाना पसंद करते है कुसम्ही जंगल गोरखपुर के भीतर बुढ़िया माता या माई का मंदिर या स्थान है इसलिए यह पूरा सफ़र सुहाना सफ़र जैसा प्रतीत होता है
जंगल के शुरू होने से मंदिर का स्थान लगभग एक किलो मीटर की दुरी है श्रद्धालुओ का कहना है जो भी सच्चे दिल से गोरखपुर बुढ़िया माई मंदिर से मन्नत दुआ प्राथना करता है उसकी मुराद या इच्छा पूरी होती है उसके बाद श्रद्धालु खुशी में चढ़ावा देने दुबारा इस मंदिर में आते है गोरखपुर में बुढ़िया माई का मंदिर बहुत ही लोकप्रिय है इस मंदिर की लोकप्रियता नेपाल , बिहार और झारखंड तक फैली हुई है
बुढ़िया माई की कहानी गोरखपुर
गोरखपुर के बुढ़िया माई की कहानी यहाँ पढ़े – गोरखपुर के कुसम्ही जंगल में बुढ़िया माई का स्थान/मंदिर स्थित है इस जंगल के भीतर बुढ़िया माता का स्थान मौजूद है कहा जाता है गोरखपुर बुढ़िया माई की कहानी कुछ इस प्रकार है कहानी:
कुसम्ही जंगल में एक बहुत बड़ा नाला बहता था नाले के ऊपर लकड़ी का पुल बनाया गया था जिस पर से होकर बहुत समय पहले किसी की बारात जा रही थी जब बारात पुल से गुजर रही थी थी तो वही पर बुढ़िया माई सफ़ेद साड़ी में पहने हुए दिखाई दी बुढ़िया माई ने बारात में शामिल जोकरो से कहा “नाच दिखाओ” नाच तो एक जोकर को छोड़ किसी ने नहीं दिखाया सभी जोकर बुढ़िया माई का मजाक उड़ाने लगे
एक जोकर ने बांसुरी बजा कर पांच बार अपना नाच बुढ़िया माई के सामने कर दिया जो जोकर नाच दिखाया था बुढ़िया माई उससे बहुत खुश हुई और कहा-: बारात से लौटते समय बारात के साथ तुम पुल पर मत जाना इस घटना के 3 दिन बाद बारात वापस लौट रही थी ऐसे में बुढ़िया माई पुल के पास पहले से खड़ी थी जो नाच मंडली का जोकर नाच दिखाया था
BUDHIYA MATA MANDIR GORAKHPUR
उस जोकर को बुढ़िया माई ने पुल के पहले या दूसरी तरफ अपनी शक्ति से कर दिया था अब बारात जिसे वापस पुल से होकर जाना था वह पुल से होकर आगे बढ़ा लेकिन इस बार पुल पूरी बारात को लेकर टूट गया
जितने भी बाराती एंव नाच मंडली में शामिल थे एक जोकर को छोड़ सब इस घटना में मारे गए इस घटना के बाद बुढ़िया माई गायब हो गई बचा हुआ जोकर इस घटना से हैरान था यह घटना/बुढिया माई की कहानी कथा को जोकर ने ही सबको बताया था
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