DARJINIYA TAL MAHRAJGANJ दर्जनिया ताल महराजगंज यहाँ है मगरमच्छ का बसेरा जाने – गर आप महराजगंज में पर्यटन स्थल खोज रहे है। तो दर्जीनिया ताल महराजगंज आपके के लिए एक बेहतर विकल्प है।
इस ताल में एक दो नहीं हजारो की संख्या में मगरमच्छ का बसेरा है। महराजगंज का दर्जीनिया ताल आज के समय में पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है। महराजगंज के ताल में बहुत से युवा एंव युवती घुमते हुए नजर आ जाते है।

सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग के अंतर्गत बना दर्जनिया ताल मगरमच्छों को भा गया है। दर्जीनिया ताल नारायणी नदी से सटा हुआ है । और इसी नदी से मगरमच्छ निकलकर दर्जीनिया ताल में आ जाते है । ऐसे में प्रतीत होता है मगरमच्छो को दर्जीनिया ताल भा गया है।
DARJINIYA TAL MAHRAJGANJ
यहाँ पढ़े DARJINIYA TAL MAHRAJGANJ – अगर बात करे दर्जीनिया ताल के मगरमच्छ की तो पता चलता है कि 300 से भी अधिक मगरमच्छ इस ताल में मौजूद है साथ ही ताल के आसपास बने गाँव एंव गड्ढो में मगरमच्छ घूमने के लिए पहुँच जाते है। इस वजह से वनविभाग सुखद है जबकि आसपास के गाँव में रहने वाले लोगो में भय बना रहता है।
आबादी वाले क्षेत्र में मगरमच्छो का आना यह साबित करता है है । मगरमच्छ अभी विलुप्त नहीं हुए है । अब सरकार एंव वन विभाग के पहल से दर्जीनिया ताल महराजगंज में बार्डर एरिया डेवलपमेंट स्कीम के तहत पर्यटक स्थल बनाया जाएगा इसके लिए 15 लाख रुपये का धन स्वीकृत हो चुका है।
मुख्य पश्चिमी गंडक नहर के किनारे भेड़िहारी कटान के पास दस हेक्टेअर क्षेत्रफल में स्थित दर्जनिया ताल की आबोहवा मगरमच्छों को कुछ ज्यादा ही रास आ रही है। नारायणी नदी से निकल कर पश्चिमी नहर के रास्ते दर्जनिया ताल में पहुंचे मगरमच्छों ने अब इसे अपना बसेरा ही बना लिया है।
वन विभाग के अधिकारियों अनुसार दर्जीनिया ताल के मगरमच्छो की वंशवृद्धि बहुत तेज है इसलिए ऐसा कह सकते है दर्जीनिया ताल महराजगंज मगरमच्छो के लिए प्रजनन केंद बन चूका है नारायणी नदी से निकल कर पश्चिमी नहर के रास्ते दर्जनिया ताल में पहुंचे मगरमच्छों ने अब इसे अपना बसेरा ही बना लिया है।
इस ताल में एंव पास की नदी में मौजूद मछलियों को पकड़ने पर रोक लगने से मगरमच्छो को सम्पूर्ण एंव सुरक्षित आहार मिलने लगा है नारायणी नदी से निकल कर पश्चिमी नहर के रास्ते दर्जनिया ताल में पहुंचे मगरमच्छों ने अब इसे अपना बसेरा ही बना लिया है।
दर्जनिया ताल महराजगंज
यहाँ पढ़े दर्जनिया ताल महराजगंज – ताल चारो तरफ से जंगल से घिरा है इसलिए मगरमच्छ खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करते है नारायणी नदी से निकल कर पश्चिमी नहर के रास्ते दर्जनिया ताल में पहुंचे मगरमच्छों ने अब इसे अपना बसेरा ही बना लिया है।
महराजगंज वनविभाग दर्जीनिया ताल के मगरमच्छ को लेकर काफी सतर्क है नारायणी नदी से निकल कर पश्चिमी नहर के रास्ते दर्जनिया ताल में पहुंचे मगरमच्छों ने अब इसे अपना बसेरा ही बना लिया है।
इसलिए विभाग ने एक कार्य योजना तैयार करके भारत सरकार को भेजा गया है। अगर कार्य योजना को मंजूरी प्राप्त होती है तो इस क्षेत्र में विलुप्त के कगार पर पहुंचे जीव जन्तुओ को प्रजनन केंद्र बनाया जायेगा।
अगर आप अभी तक दर्जीनिया ताल महराजगंज उत्तर प्रदेश घुमने नहीं गए है। तो आप दर्जीनिया ताल महराजगंज का विडिओ देख सकते है। इस विडिओ में दर्जीनिया ताल महराजगंज को कवर करने की पूरी कोशिश किया गया है।
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