DUSSEHRA PUJA MANTRA VIDHI IN HINDI दशहरा पूजा मंत्र विधि दशहरा पूजन का शुभ मुहूर्त दशहरा पूजन विधि – दशहरे त्यौहार भारत देश में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। दशहरे की एक पौराणिक कथा बहुत लोकप्रिय है। जो भगवान् श्री राम जी से जुडी हुई है।
दशहरे (विजयदशमी) के दिन भगवान् राम ने दस सिर वाले रावण का वध किया था। तभी से दशहरे (विजयदशमी) के दिन दस सिर वाले रावण का पुतला पुरे भारत वर्ष में जलाया जाता है। इस तरह से दशहरा (विजयदशमी) का त्यौहार मनाया जाता है। दशहरा पर्व अपने अंदर के क्रोध, लालच, भ्रम, नशा, ईर्ष्या, स्वार्थ, अन्याय, अमानवीयता एवं अहंकार को नष्ट करने का भी सन्देश देता है।
दशहरा पूजा मंत्र विधि – DUSSEHRA PUJA MANTRA VIDHI
Dussehra – दशहरा पूजा मंत्र विधि दशहरा विजयदशमी की पूजा निम्नवत तरीके से किया जाता है:-
राम रामाय नम ॐ अपराजितायै नम पवन तनय बल पवन समाना, बुद्धि विवेक विज्ञान निधाना । कवन सो काज कठिन जग माहि, जो नहीं होत तात तुम पाहि ॥
दशहरा/विजयदशमी के दिन सुबह जल्दी उठ जाए फिर सबसे पहले स्नान घर में जाकर स्नान कर ले। गेहूं/चूने से दशहरा की प्रतिमा बनाएं। गाय के गोबर से अब 9 गोला/कंडा बनाये फिर कंडों पर जौ और दही लगाएं। इस दिन कई जगहों पर भगवान राम की झाकियों पर जौ चढ़ाई जाती है
कई जगह लड़के के कान पर जौ रखने का रिवाज होता है। गोबर से दो कटोरियां बनाएं। एक कटोरी में कुछ सिक्के रखें दूसरे में रोली, चावल, फल और जौ रखें। अब बनाई गई प्रतिमा को केले, मूली, ग्वारफली, गुड़ और चावल अर्पित करें और धूप दीपक दिखाएं।
बहीखातों पर फूल, जौ, रोली और चावल चढ़ाएं। इस दिन ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराकर दक्षिणा दें। रावण दहन के पश्चात् सोना पत्ती का वितरण करें और घर के बड़ों का आशीर्वाद प्राप्त करें। इस तरह से आप दशहरा की पूजा अपने घर पर कर सकते है।
दशहरा पूजा सामग्री
Dussehra puja samagri: दशहरा के दिन पूजा भी किया जाता है दशहरा पूजा सामग्री निम्न है:- दशहरा प्रतिमा गाय का गोबर चूना, तिलक मौली, चावल, फूल नवरात्रि के समय उगे हुए जौ, केले, मूली, ग्वारफली, गुड़, खीर-पूरी और व्यापार के बहीखाते।
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