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GST KYA HAI IN HINDI - जीएसटी क्या है हिंदी में समझें

GST KYA HAI IN HINDI – जीएसटी क्या है हिंदी में समझें

GST KYA HAI IN HINDI जीएसटी क्या है हिंदी में समझें जीएसटी का फुल फॉर्म जीएसटी रिटर्न क्या है कितने प्रकार के होते हैं जीएसटी क्या है इसकी प्रमुख विशेषताएं

अगर आप भारत (इंडिया) में निवास करते है ऐसे में अगर कोई बिज़नस इंडिया में चालु करते है तो आपको GST ( Goods and Services Tax ) नाम जरुर सुनने को मिलता है ऐसे बहुत से व्यक्ति है जो GST के बारें में पूरी जानकारी रखते है लेकिन जो लोग पहली बार जीएसटी का नाम सुनते है वह जानकारी चाहते है GST क्या होता है ? ऐसे में यह लेख आपके लिए बहुत ही उपयोगी होगी क्योंकि इस लेख में हम जीएसटी के बारे में पूरी जानकारी दें रहे है

GST KYA HAI IN HINDI - जीएसटी क्या है हिंदी में समझें
GST KYA HAI IN HINDI जीएसटी क्या है हिंदी में समझें

जीएसटी क्या है हिंदी में समझें – GST KYA HAI IN HINDI

यहाँ जानिये जीएसटी क्या है हिंदी में समझें GST KYA HAI IN HINDI ? – वस्तु एवं सेवा कर जिसे GST भी कहा जाता है जीएसटी (GST) वस्तुओं और सेवाओं के उपभोग पर लगाया गया गंतव्य आधारित कर है। इसे पिछले चरणों में, क्षतिपूर्ति (सेटऑफ) हेतु उपलब्ध करके भुगतान के क्रेडिट प्राप्त करने के लिए उत्पादक से अन्तिम उपभोग के सभी चरणों पर लगाने के लिए प्रास्तवित किया गया है।

संक्षेप में, केवल मूल्य संवर्धन (value addition) पर ही कर लगाया जाएगा और कर का बोझ अंतिम उपभोक्ता द्वारा वहन किया जाएगा। जीएसटी का मतलब माल एवं सेवा कर होता है GST का FULL FORM Goods and Services Tax होता है जीएसटी को हिंदी में वस्तु एवं सेवा कर के नाम से भी जाना जाता है

वस्तुओं और सेवाओं के उपभोग पर सरकार द्वारा लगाया कर GST के अंतर्गत आता है भारत सरकार अपने नागरिक से वस्तु एंव सेवा के उपयोग के लिए टैक्स लेती है वस्तु एवं सेवा कर (GST) अलग अलग वस्तु एंव सेवा के लिए कम या अधिक हो सकता है जीएसटी कर भारत में 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ था माल (वस्तु) एंव सेवा कर (GST) पुरे देश के लिए एक लाभदायक व्यस्था है

जीएसटी कितने प्रकार के होते हैं

GST चार प्रकार के होते है – सीजीएसटी (CGST), एसजीएसटी (SGST), आईजीएसटी ( IGST), यूटीजीएसटी (UTGST)

सीजीएसटी (CGST)

सीजीएसटी (CGST) का पूरा नाम केंद्रीय माल और सेवा टैक्स होता है CGST कर केंद्र सरकार के द्वारा लगाया जाता है सीजीएसटी एक राज्य के भीतर माल की आवाजाही पर लगाया जाता है।

एसजीएसटी (SGST)

एसजीएसटी (SGST) का पूरा नाम “राज्य माल और सेवा कर” होता है राज्य माल और सेवा कर, राज्यों के द्वारा लगाया जाता है राज्य टैक्स मादक शराब को छोड़कर, वस्तुओं और सेवाओं की अंतरराज्यीय आपूर्ति पर लगाया जाने वाला एकल टैक्स है। एसजीएसटी (SGST) अलग अलग राज्य के लिए भिन्न भिन्न हो सकती है ऐसा इसलिए राज्य सरकार के अपने अपने अलग-अलग अधिनियम भी हैं।

आईजीएसटी ( IGST)

आईजीएसटी ( IGST) का पूरा नाम एकीकृत माल और सेवा टैक्स होता है। यह टैक्स अंतरराज्यीय लेनदेन के दौरान लागू होता है अंतरराज्यीय लेनदेन से अभिप्राय है कि – “दो अलग-अलग राज्यों के बीच लेनदेन” आईजीएसटी ( IGST) दो राज्यों के बीच उत्पादों और सेवाओं की आपूर्ति और यहां तक कि निर्यात और आयात (आईजीएसटी + सीमा शुल्क) पर लगाया जाता है।

यूटीजीएसटी (UTGST)

यूटीजीएसटी (UTGST) का पूरा नाम केंद्र शासित प्रदेश वस्तु और सेवा टैक्स होता है यह कर केंद्र शासित प्रदेशों में वस्तुओं और सेवाओं के लेन-देन पर लागू होता है। इसके अंतर्गत अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दमन दीव, चंडीगढ़ और दादरा और नगर हवेली इत्यादि केंद्र शासित प्रदेश शामिल है यूटीजीएसटी (UTGST) ध्यान दें कि – यूटीजीएसटी केवल केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू होता है जहां कोई विधायिका नहीं है।

जीएसटी के लाभ

भारत देश में जीएसटी लागू होने से निम्नवत लाभ है – माल और सेवा कर (जीएसटी) पूरे देश के लिए लाभदायक व्यवस्था है। इससे अर्थव्यवस्था के सभी हितधारकों, सरकार और उपभोक्ताओं को लाभ होगा। इससे वस्तुओं एवं सेवाओं की लागत में कमी आएगी।

अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा और भारतीय वस्तुएँ एवं सेवाएँ वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनेंगी। जीएसटी का लक्ष्य कर दरों और प्रक्रियाओं में समरूपता लाकर और आर्थिक बाधाओं को हटाकर भारत को एक साझा राष्ट्रीय बाजार बनाना है जिससे राष्ट्रीय स्तर पर एक एकीकृत अर्थव्यवस्था का पथ प्रशस्त हो सके।

अधिकांश केन्द्रीय एवं राज्यिक अप्रत्यक्ष करों को एकल कर में समाहित करके एवं समूचे वैल्यू-चेन में पूर्व-चरण के प्रदाय (सप्लाई) में भुगतान किये गए करों के समंजन से व्यवसायों में प्रपत्तन (कैस्केडिंग-यानि कर पर कर का लगना) के दुष्प्रभाव कम होंगे, प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी और चल निधि (लिक्विडिटी) में सुधार होगा। जीएसटी एक गंतव्य आधारित कर है । यह बहु-स्तरीय संग्रहण विधि का अनुसरण करता है।

इसमें प्रदाय (सप्लाई) के हर स्तर पर कर का भुगतान होगा और पिछले स्तर पर चुकाए गए कर का क्रेडिट प्रदाय के अगले स्तर पर समंजन (सैट-ऑफ) के लिए उपलब्ध होगा। इससे कर भार अंतिम उपभोक्ता की ओर स्थानांतरित होता है और उद्योगों को बेहतर नकदी प्रवाह और बेहतर कार्यशील पूंजी प्रबंधन से लाभ होता है। जीएसटी मुख्यतः प्रौद्योगिकी संचालित है। इससे मानवीय हस्तक्षेप बहुत हद तक कम हो जायेगा और जिससे निर्णयों में तेजी आएगी।

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