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DIVORCE PROCESS IN HINDI - तलाक के बाद बच्चा किसको मिलेगा

TALAQ KE BAAD – तलाक के बाद बच्चा किसको मिलेगा तलाक से पहले जाने

TALAQ KE BAAD BAACHCHA KISKO MILEGA, DIVORCE PROCESS IN HINDI, तलाक के बाद बच्चा किसको मिलेगा तलाक से पहले जाने – तलाक बहुत ही संवेदन मामला होता है जब पति एंव पत्नी के बीच तलाक की बात उठ जाती है ऐसे में सबसे बड़ा सवाल उठता है तलाक के बाद बच्चा किसको मिलेगा?

DIVORCE PROCESS IN HINDI - तलाक के बाद बच्चा किसको मिलेगा TALAQ KE BAAD BAACHCHA KISKO MILEGA
DIVORCE PROCESS IN HINDI तलाक के बाद बच्चा किसको मिलेगा

हिन्दू धर्म में तलाक के नियम

हमारे देश में कोर्ट में तलाक के बहुत से मामले है इसकी वजह जो भी हो लेकिन तलाक की वजह से बच्चा या बच्ची के जीवन पर गहरा प्रभाव होता है तलाक के बाद बच्चा फिजिकल कस्टडी के अंतर्गत माता पिता में से किसी एक को ही प्राइमरी गार्डियन दिया जाता है उसके बाद से बच्चा प्राइमरी गार्डियन माता पिता में से किसी एक के पास रहेगा

ऐसे में बच्चा प्राइमरी गार्डियन के साथ रहता और दुसरे गार्जियन को वेजिटेशन की परमिशन दी जाती है तलाक प्रकिया की शुरुवात होंते समय माता पिता अधिकतर खुद ही फैसला कर लेते है बच्चा किसके पास रहेगा कुछ तलाक के मामलो में न्यायलय को तह करना होता है तलाक के बाद बच्चा किसके साथ रहेगा ऐसे में आइये जाने तलाक के बाद बच्चे की कस्टडी किसको मिलेगा

तलाक के बाद बच्चा किसको मिलेगा | TALAQ KE BAAD BAACHCHA KISKO MILEGA

यहाँ पढ़े तलाक के बाद बच्चा किसको मिलेगा DIVORCE PROCESS IN HINDI – हिन्दू धर्म में तलाक के नियम इस निम्नवत के अंतर्गत आते है तलाक प्रक्रिया हिन्दू बच्चो की “माइनॉरिटी/गार्जियनशिप एक्ट 1956” के अंतर्गत किया जाता है गार्जियन/वार्ड एक्ट 1890 के आधार पर तलाक के बाद बच्चे की कस्टडी दी जाती है

इस कानून के अंतर्गत तलाक होने बाद बच्चे की आयु 5 साल से कम है तो ऐसे तलाक के बाद कस्टडी बच्चे की मां को दिया जाता है अगर बच्चे की आयु 9 साल से अधिक है ऐसे में बच्चा खुद फैसला ले सकता है वह मां पिता में से किसके साथ रहना चाहता बेटे के मामले में जब बेटा बड़ा हो जाता है

ऐसे में कई मामले सामने आए है जिसमे बच्चे की कस्टडी पिता को मिल जाती है अगर बेटी का मामला हो कस्टडी मां को मिल जाती है अगर पिता, बेटी की कस्टडी से खुश नहीं हो ऐसे में वह इसके लिए कोर्ट में अपनी बात रख सकता है बच्चा तलाक के बाद किसके पास रहेगा इसके लिए उचित मापदंड नियम कानून बनाये गए है

माता पिता में से जो भी कोर्ट के मापदंड एंव नियम कानून के हिसाब से सही होता है कोर्ट तलाक के बाद उसे ही बच्चे की कस्टडी देती है कोर्ट पहले यह देखती है मां पिता दोनों में से कौन बच्चे की देखरेख अच्छे से कर सकता है उसके बाद कोर्ट उसी हिसाब से अपना फैसला सुनाती है

अगर बच्चे की कस्टडी पाने के बाद माता पिता दोनों ही योग्य नहीं पाए जायेंगे ऐसे में बच्चे की कस्टडी तीसरे पक्ष दादा दादी नाना नानी या किसी अनाथ आश्रम को दिया जा सकता है

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