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तीन तलाक के बाद हलाला क्या होता है TIN TALAK KE BAAD HALALA KYA HOTA HAI

तीन तलाक के बाद हलाला क्या होता है TIN TALAK KE BAAD HALALA KYA HOTA HAI

तीन तलाक के बाद हलाला क्या होता है TALAK KE NIYAM 2024 IN HINDI एकतरफा तलाक के नियम MUSLIM TIN TALAK KE BAAD HALALA KYA HOTA HAI

इस्लाम धर्म में शादी विवाह या फिर निकाह अन्य धर्म की तरह ही इस्लाम के रीती रिवाज से किया जाता है लेकिन इस्लाम के बारें में तलाक के लेकर बहुत से बातें की जाती है जिसमे से एक है – तीन तलाक के बाद हलाला ?

ऐसे बहुत से लोग है जिन्हें लगता है हर इस्लामिक लड़की की जिसकी शादी होती है उसका हलाला होना जरुरी है जबकि ऐसा नहीं है इस्लाम के हलाला को लेकर बहुत गलत लोग सोचते है क्योंकि ऐसा होता ही नहीं है हलाला को लेकर इस्लामोफोबिया से ग्रसित लोग अक्सर मुस्लिम समाज पर ताने कसते है या फिर उन्हें चिढाने का प्रयास करते है

तीन तलाक के बाद हलाला क्या होता है TIN TALAK KE BAAD HALALA KYA HOTA HAI
तीन तलाक के बाद हलाला क्या होता है TIN TALAK KE BAAD HALALA KYA HOTA HAI

तीन तलाक के बाद हलाला क्या होता है TIN TALAK KE BAAD HALALA KYA HOTA HAI

इस्लामोफोबिया से ग्रसित लोग अक्सर जब किसी बहस में इस्लाम धर्म के बारें में चर्चा के दौरान जब सामने वाले इंसान से जीत नहीं पाते है वह अक्सर तीन तलाक के बाद हलाला क्या होता है ? इसके बारें में बातें करना शुरू कर देते है जिससे उन्हें सुख का अनुभव होता है जबकि इस्लाम में हलाला एक पुरानी परम्परा थी जो अब नहीं निभाई जाती है इसी तरह से हिन्दू धर्म में भी नियोग विधि का भी जिक्र मिलता है

हलाला की परिभाषा क्या है

जब किसी मुस्लिम महिला का उसके पति द्वारा तीन तलाक हो जाता है उसके बाद अन्य किसी पुरुष से शादी उस महिला की हो जाती है साथ ही विवाहिक संबंध भी रखती है इसके बाद फिर से इस पति से तलाक लेकर अपने पहले पति से शादी विवाह या फिर निकाह करती है इस पूरी प्रक्रिया को हलाला के नाम से जाना जाता है लेकिन इस हलाला को विवाद से भरपूर माना जाता है क्योंकि इस्लामिक जानकार इसके बारें में अलग राय रखते है

एकतरफा तलाक के नियम MUSLIM

इंडिया में मुस्लिम तलाक के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बनाया गया है जिसके तहत एकतरफा तलाक के नियम निम्नवत है – तलाक-ए-बिद्दत या “तीन तलाक

1. तलाक-ए-अहसन

  • प्रक्रिया: पति एक बार “तलाक” शब्द कहता है और फिर तीन महीने (इद्दत) की अवधि के लिए रुकता है। इस अवधि के दौरान, पति और पत्नी को फिर मिलाने के प्रयास किए जाते हैं। अगर इस अवधि के अंत तक दोनों फिर नहीं मिलते, तो तलाक हो जाता है।
  • फायदे: यह तरीका सोच-समझकर और समय देकर लिया जाता है, जिससे मियां बीबी के दुबारा मिलने की संभावना बनी रहती है।

2. तलाक-ए-हसन:

  • प्रक्रिया: पति “तलाक” शब्द महीने में एक बार कहता है, लगातार तीन महीनों तक। प्रत्येक तलाक के बाद, पति और पत्नी को फिर मिलाने का प्रयास किया जाता है। तीसरे तलाक के बाद, तलाक अंतिम हो जाता है।
  • फायदे: यह तरीका भी सोच-समझकर और समय देकर लिया जाता है, जिससे मियां बीबी के दुबारा मिलने की संभावना बनी रहती है।

3. तलाक-ए-बिद्दत (तीन तलाक):

  • प्रक्रिया: पति तीन बार “तलाक” शब्द कहता है, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो जाता है।
  • विवाद: यह तरीका विवादास्पद है क्योंकि यह अचानक और बिना किसी सोच-विचार के होता है। कई मुस्लिम देशों और समुदायों में इसे गैर-कानूनी करार दिया गया है।

भारत में कानून:

  • तीन तलाक पर प्रतिबंध: 2019 में, भारत सरकार ने “मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019” पारित किया, जिसमें तीन तलाक को गैर-कानूनी और दंडनीय अपराध घोषित किया गया। इसके तहत, किसी भी मुस्लिम पति द्वारा एकतरफा तीन तलाक देने पर तीन साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है।

तलाक के अन्य प्रकार:

  • खुला: यह तलाक का एक प्रकार है जिसमें पत्नी तलाक की मांग करती है और पति सहमत होता है। इसके लिए पत्नी को पति को कुछ देना पड़ता है।
  • मुबारत: यह आपसी सहमति से तलाक का तरीका है, जिसमें पति और पत्नी दोनों तलाक के लिए सहमत होते हैं। फिर मुबारत तलाक प्रभाव में आ सकता है

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